Friday 6 April 2018

महक का जादू 6


रिया आँखे फाड़े मेरी नग्न शारीर को देखे जा रही थी ..

..जैसे वो आन्खोसेही मुझे पीना चाहती हो....फिर उसने मुझे धकलते हुए बेड पर लिटाया .......मैं शर्म से मरी जा रही थी ..... रियासे आँख मिलाने की की भी हिम्मत नहीं हो रही थी ....रिया तो पूरी नंगी थी ...... वो वैसे ही मुझपे कूद पड़ीमैं तो पूरी तरह से उसके निचे दब गई ......उसके होठ मेरे होटोपर थे ..... उसके मस्त स्तन मेरे छोटे स्तनों को दबा रहे थे ......उसकी ताज़ी झड़ी चूत मेरे चूत पर थी ...... बस बिच में एक महीन सी पैंटी थी...जैसे उसके शरीर का हर हिस्सा .... मेरी सारे शरीर से प्यार कर रहा था .अब रिया मेरी कमर दोनों ओर पैर कर के बैठ गयी पर बैठ गयीवो मेरे स्तन इस तरह मसल रही थी जैसे आटा गुन्दते है .बिचमे ही वो झुक कर मेरी होटों ... को चूमती और कभी मेरे निप्पल को .. ........ उसकी स्पीड बढती गयी ..... फिर तो उसने कहर ही कर दिया ... ....... उसने मेरे स्तनों को जोरोसे काटना शुरू किया .....उसके दात मेरे फूलो से कोमल स्तनोमें लाल लाल निशान बनाते जा रहे थे ...... "उफ्फ........ हा .....य......स्स.....स्स स्स स्स ......अ.आ....उ...च..."मैंने याचनाभरि नजरोसे रिया की तरफ देखा .......लेकिन वो बड़ी कुटिलता से मुस्कुराई और बोली ...... " आज रात के लिए तू पूरी तरह से मेरी है ..... इतना दर्द तो तुझे सहनाही पड़ेगा .... मेरी बन्नो "मैं चुप हो गयी ....... वैसे मुझे भी मजा आ रहा था ..... दर्द में भी मजा होता है ..... ये मैंने उसी दिन जाना
फिर उसने अपना मोर्चा मेरी बगलों की तरफ बढ़ाया ......मेरी बगलों में कई दिनोसे हलके भूरे बाल उगना शुरू हुए थे ... ... कें उसके रिया की तरह गुच्छे नहीं बने थे .......रियाने उन्हें सुंघा ...... मुझे गुदगुदी हो रही थी .... .. उसने मेरी बगलों को मन भर के सुंघा और जी भर के चाटा भीउसने कहा " मेरी महक की बगलों की महक तो जन्नत है .... ... मेरी जान ..... इस महक को मैं कभी नहीं भूलूंगी"
थोड़ी देर मुझे नोचने के बाद रिया थोडा निचे सरकी .....
...... न तो वो मुझे छू रही थी .... ना ही उसके होट....
......... बस वो नाक के जरिये गर्म साँसे छोड़ते हुए ऊपर निचे हो रही थी ...... 
रिया जो कर रही थी उसका असर तेजी से हो रहा था ....
.... मेरी साँसे भारी होने लगी ...
....... शारीर अकड़ने लगा ......
...और मेरी चुत से पानी बहने लगा 
मैंने रिया को अपनी जांघो की बिच कस के पकड़ा .....
.. रिया समझ गयी ......
.. वो खड़ी हो कर मेरी ओर देख मुस्कुराई ...
...... और उसने अपने हाथ मेरी गीली पैंटी की ओर बढ़ाये .
मैं तो एक अजीब सी खुमारी में थी .
....... रियाने अपना काम जरी रखते हुए मेरी गीली पैंटी खीचना जारी रखा 
मेरी पैंटी के उतरने के बाद उसने मुझे अपनी टांगे खोलने को कहा ....
...... मैंने भी सहयोग करते हुए अपनी टाँगे खोल दी ..
..... फिर तो रिया मेरी चुत पर टूट ही पड़ी.
उसने पहले बड़े प्यार से मेरी चुत को चाटा ...
. फिर अपने जीभ को थोडा कडा करके वो मेरे दानेसे खेलने लगी ...
..... मेरे सारे जिस्म में सनसनी फ़ैल गयी ..... 
"उई....अ.आ...क.उ.उ.उ.ल..न्हईआह..... स्स स्स स्स ......"
मेरे मुह से अजीब अजीब आवाजे निकल रही थी 
"उई.... मा.. अ.आ...क स्स.स्स..स्स.....हा….य...."
रियाने अपने ऊँगली मेरे चुत में सरका दी .. और घिसने लगी ...
.... मेरे दाने पर उसकी जीभ और चुत में घिसती ऊँगली का असर बड़ा ही तेज था ....
मैं फिर से झटके मरने लगी .... रिया को पता लग गया की मैं झड़ने वाली हूँ ......
उसने उसके होट मेरे चुत के होटोपार चिपका दिए और चूसने लगी ...
.... जैसे आम चूस रही हो ......
मैं तो ना जाने कितनी देर तक झड रही थी ..... मेरी आँखे अत्यधिक आनंद के वजह से बंद थी ...........
रियाने मेरा सारा रस पिया .....मुझे उसने ने झंझोरकर उठाया और बोली 
"क्या मेरी रानी .... अपना खुद का रस चखना चाहेंगी ?"
मैंने शरमाते हुए हामी भरी .... तो वो उपर आ गई .... और अपने होटोसे मुझे मेरा ही रस पिलाने लगी .......
उसकी जीभ मेरी मुह में बे रोक टोक घूम रही थी ...... और अपने साथ उसक मुख रस और मेरा खुद का रस भी मेरी मुह में डाल रही थी ..
...... करीबन १० मिनिट तक हम एक दूसरे को चूसते रहे 
फिर हमने एक दुसरे की आँखों में देखा ....... और चिपक कर सो गयी ......
हम दोनों भी बहुत थक गयी थी .... इसलिए हमें जल्दी ही नींद आ गयी..
लेकिन सवेरे जल्दी उठके हमने फिर क्या खेल किया ... वो किस्सा अगली बार ................

और फिर उसने मेरी जांघो पर गर्म साँसे छोड़ना शुरू किया ..... अजीब तरीका था वो ..
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महक का जादू ५



मैं थोडा रुक गयी मेरे हथोको एक अलगही ही चिपचीप लग रही थी . मैंने रिया को पूछा की वो क्या है ... उसने मुझे समझाया की वो जवानी का अमृत रस था ....
जो की प्यार करनेसे बढ़ता है. और जब हमारे शारीर से यह रस बह जाता है तो हमें बहोत सुकून मिलता है. मैं उसकी योनी को सूंघने के लिए उसपर झुक गई ....... बड़ी ही मनमोहक खुशबू थी.... मैं थोडा और नजदीक गई तो मेरी नाक पर वो चिकनाई लग गई ......मैं बुरासा मुह बनकर दूर हो गई ......... रियाने मुझे रोका ...... और बोली " देख महक रानी ....... ये जवानी रस बहोत अनमोल होता है ...... इसकी तुम्हे घिन नहीं आणि चाहिए ......मुझे पता है .... ये तुम्हारी पहली बारी है ...... इस लिए इसका इलाज भी साथ लाई हूँ "फिर उसने उठ कर अपना बैग खोला ... और उसमेसे एक गुलाब जल की शीशी और एक नेपकिन निकला .और मुझे बताया की मैं उसकी योनी पर गुलाब जल डालू और फिर उसे अच्छी तरह से पोछू ......मैंने वैसे ही किया..... रिया ने अपनी टाँगे खोल रखी थी.... मैंने थोडा गुलाब पानी उसकी योने पर छिड़का .......... हाथोसे मसला ........ और फिर नेपकिन से पोछने लगी.थोड़ी ही देर में रिया की योनी किसी नै नवेली दुल्हन के तरह चमकने लगी .अब रियाने मुझे उसकी योनी चाटने को कहा . लेकिन उसके पहले उसने मुझे कैसे चाटते है ये भी बताया ....... उसने अपने हाथोसे अपनी चूत की पंखुड़िया अलग की और जादुई दाने के दर्शन करा दिए ..... उसने बताया की वह जादुई दाना बहोत जादा सेंसिटिव है....... जितना इससे खेलो उतना ही प्रेम रस बहार आएगा .......मैं उसकी सूचनाओ नुसार अपने काम में जुट गई ........ मैंने पहले उसकी चूत रानीको चूमा, फिर अपनी जीभ को पूरा बहार निकल के ... उसे चाटने लगी .......मैं लम्बे लम्बे चटकारे लगाने लगी थी ......रिया तो बस "उ.अ..आह.अ.उउआ.आह. स्स स्स स्स स्स स्स ....." कर रही थी मैंने अब उसके दाने की ओर ध्यान दिया ....... उसका दाना मटर के दाने से भी बड़ा ... फुला सा दिख रहा था मैंने उन्ग्लियोसे उसकी योनी की पंखुड़िया विलग करते हुए ....उस जादुई दाने को छुआ ....... रिया एकदमसे उछल पड़ी "उई....अ.आ...क.उ.उ.उ.ल..न्हईआह..... स्स स्स स्स ......"मैंने फिरसे उसे निचे दबाया और उसके दाने को चूसने लगी........"हा......य........ अ ..... उ....उम्म........""स्स स्स स्स ..... म....ह .....क .... और .... जोरो से चूस मेरी .... जान ..... उफ्फ........."चूसते हुए मैंने अचानक अपने दातोसे उसे हलके से काटा....."उई.... मा.. अ.आ...क स्स.स्स..स्स.....हाय...."रिया अजीब अजीब आवाजे निकल रही थी .... मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी योनी के छेद में घुसा दी ... और घिसने लगी .......( मुझे ये सब रिया ने ही बताया था) 
अचानक रिया का शरीर अकड़ने लगा ....... उसने मेरे मुह को अपनी दोनों जन्घो के बिच जोरोसे दबाया ....... मेरी सांस अटक रही थी .... लेकिन मैंने काम जारी रखा .रिया ने एक जोर का झटका खाया ......" म...ह...क.... मैं........ आ.... यी ......आ...आ....स्स..स्स..स्स.."और उसकी चूत से रस की फुआर निकल पड़ी ....उसके रस से मेरा मुह भर गया.... थोडा सा रस मेरी जुबान को भी लगा ...... मुझे उसका टेस्ट भा गया ...... और मैं उसको चाटने लगी ......... रिया भी झटके मार रही थी .... मैंने ताकत लगाकर उसे नीची दबा रखा था...... मैं पूरी जीभ निकाल कर उसे चाट रही थी ....धीरे धीरे .... रिया शांत हुई ..... उसकी जांघो की पकड़ दिली पड़ गई.......... मैंने सर उठा के उसकी आँखों में देखा ....वो मुस्कुरा रही थी .... उसने आंखोसे इशारा करके मुझे ऊपर आने को बोला ...... मैं थोडा ऊपर सरक गई ....... तो उसने मेरे चहरे को अपने हातोसे पकड़कर चूमना चलू किया .......मेरे सारे चहरे पर उसका रस लगा था ... मेरे होटो पर भी उसका रस था ..... उसने मेरे होट और चेहरे से सारा रस चाट लिया .....करीबन १५ मिनिट बाद वो तूफान थम गया....अब इस से भी बड़ा तूफ़ान आने वाला था ..............
यह सुन कर मैं खिलखिलाकर हस पड़ी.
सबेरे वाले चैप्टर के बाद से मेरी शर्म कम और हिम्मत बढ़ गयी थी.रिया नंगी ही मेरे इर्द गिर्द गोल गोल घुमते हुए मेरी तरफ देख रही थी.
मैंने पूछा " क्या देख रही हो ..... इस तरह ?"

वो: " तेरी जवानी की का जायजा ले रही हूँ मेरी जान…”
और वो मेरे पीछे रुक गईउसने पिछेसे मुझे कस के पकड़ा .....उसके हाथ मेरी छातियो पे घुमने लगेउसने मेरी गर्दन पर अपनी गर्म साँसे छोड़ना शुरू किया ...... बिच बिच में वो मेरी कान की लौ को भी चुभलाने लगी ..... मैंने ऐसा सिर्फ मुविस में देखा था ..... लेकिन आज अनुभव कर रही थी . .... मेरे अंग अंग में जैसे बिजली दौड़ने लगी ...... सारे शारीर पर रोंए खड़े हो गए.मैंने भी अपनी बाहे उपर उठा कर उसके गले में डाल दी ...धीरे धीरे रिया मुझे चूमने लगी .....फिर उसने हौले हौले मुझे पलटाया ... ... अब हम एक दुसरे के सामने थे....उसने मेरे चहरे को हलके हलके सुंघा... मैं उसकी गर्म साँसे अपने पुरे चेहरेपर महसूस कर रही थी .......मुझसे रोका न गया .... मैंने अपने होटोको समर्पित करते हुए ... उसकी लबो पे मुहर लगा दीउसने भी मेरा पुरे दिलसे स्वागत करने हुए ...उन मस्तिके पैमानोको पीना चालु रखा ….
इस बिच उसकी हाथ पूरी मस्ती के साथ मेरे उरोजो से खेल रहे थे .......शायद वो मेरी जिंदगी का सबसे हसीन पल था .. ... ऐसा लग रहा था की की एक पल के लिए सब कुछ थम सा गया है....और हम दोनों कई जन्मोसे ऐसे ही.... एक दुसरे को किस कर रहे है ....बड़ी देर बाद रियाने किस तोड़ते हुए मेरी आँखों में झाँका .... .... मैंने शर्मा कर नजरे नीची कर ली ....रिया :"हाय रे मेरी प्यारी बन्नो.... "

उसने मेरी आँखों को धीमे से चूमा ....अब उसने मेरी टॉप को खोलना शुरू किया ..........

मैंने रिया को बताया ......." यार तुने इतनी तय्यारी की है .... इतनी सज सवर के आयी है .... और मैंने नहाना तो दूर .... कपडे भी नहीं बदले...."रिया: "मेरी जान .... इतना दिल पे मत ले .... उल्टा मुझे तो ख़ुशी है की . ... आज मैं अपनी महक को उसके नेचरल रूप में ही पा लुंगी "मैं: " लेकिन मैं नहाई भी नहीं .... तुने तो स्पेशल बाथ लिया है"रिया:"मेरी जान फिर तो और मजा आएगा ...... तेरा पसीना मेरी महक की महक को और भी जादा मदहोश कर देगा "अबतक मेरी टॉप निकल चुकी थी ........रियाने मेर समीज को भी निकाल दिया वो मेरे नग्न उरोजो को चूमने.... चाटने लगी उसने मेरी एक निप्पल को अपने मुह में लिया .... और अपनी जीभ उसके इर्द गिर्द घुमाने लगी .......इस हरकत से तो मैं पूरी तरह मदहोश हो गयी.... मैंने महसूस किया की मेरी योनी से कुछ जारने लगा था .रियाने निप्पल को छोड़ कर मेरी दाए उरोज को अपने दातो से काट लिया .." अ ...अ ...आ..उ..च.......स्स स्स स्स ......स्स स्स स्स .......हाय ...."मैंने शिकायत भरे आवाज से कहा" मेरी जान लेगी क्या ..... इतना जोर से काटा ...."रिया:जोरसे हँसते हुए " आज तो मैं अपनी महक रानी को कच्चा खा जाउंगी "वो थोडा निचे झुकी ... और आपने जुबान से मेरी नाभि के इर्द गिर्द दायरे बनाने लगी ....... मैं उसके सर को दबाते हुए सिसक ने लगी ....नाभि की चूमा चाटी करते हुए रियाने मेरे पजामी के नाड़े को एक हल्का सा झटका दिया ......... और मेरी पजामी भरभराकर मेरी पैरो में गिर पड़ी अब मैं सिर्फ पैंटी में खड़ी थी ....



अब रियाने मुझे पकड़कर खड़ा किया , और बोली की अब वो मेरे साथ सुहागरात मनाने वाली है.
मुझे याद आया ... की सवेरे वाले एपिसोड के बाद ...मैंने कपडे नहीं बदले थे .......
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महक का जादू 4

रिया ने हसते हूए मुखे चूमा और बोली
" हाय रे मेरी भोली बन्नो ...... तू बस मैं बोलू वैसा करती जा .... मैं तुम्हे सब सिखा दूंगी "मैं : "प्लीज़ यार रिया ... बता ना ये सब "रिया ने मेरे होटो पर ऊँगली रखी और मुझे चुप किया .उसने मुझे बताया की हम पहले अपने शारीर की जानकारी लेते है. उसने मुझे उसके वस्त्र उतरने के लिए बोला.मैं जल्दी जल्दी उसके कपडे उतरने लगी तो उसने मुझे टोका और बोली "जरा प्यार से…… नजाकत से उतारो मेरी जान "अब मैं भी मूड में आ गई मैंने उसके चहरे को अपने हथेलियों से पकड़ा और एक जोरदार चुम्बन ले लिया फिर धीरेसे अपने हाथ उसकी छातियो पर रखे और उनका मर्दन करना शुरू किया धीरे धीरे मैं अपने हाथो को निचा करती गई और उसका टॉप निचेसे पकड़ा .... उसकी होटो को चूसते हूए मैं धीरे धीरे टॉप ऊपर उठाने लगी .... एक पल के लिए चुम्बन तोड़ते हुए मैंने टॉप को उसके सर से निकला ......... उसका टॉप उतारते ही जैसे मेरे नजरो के सामने बिजली कौंध गयी. उसने टॉप के निचे एक जालीदार काले रंग की ब्रा पहन रखी थी ..... ब्रा मैं कैद उसके वो सावले स्तन गजब ढा रहे थे .... मैं अपने आप को रोक नहीं पाई.... मैंने ब्रा के ऊपरसे ही उसके स्तनों को चूमना शुरू किया ...... थोड़ी देर चूमने के बाद रिया ने मुझे आगे बढ़ने को कहा.....और उसने मेरे हाथो को गाइड करते हूए उसकी ब्रा के हूक दिखाए. बड़े प्रयास के बाद मैं वो हूक खोल पायी.जैसे ही हूक खुला ... उसकी वो दो कबूतर उछलकर मेरे चेहरे से टकराये. हाय क्या संतरे थे....... उसके निप्पल तो मनो काले जामुन लग रहे थे .....मैं अपने आपको रोक ना पायी और अपने मुह में भर लिया ...... मैं अपने दातोसे निप्पल को चुभलाने लगी ...... दुसरे संतरे को अपने हाथोसे दबाने लगी ........ रियाने फिर मुझे रोका और बोली "मेरी जान इनसे बाद में खेलना.... अभी तो निचे भी बाकी है "मैं थोडा रुक गई .... लेकिन एक पॉझ लेकर मैं फिरसे उसकी आज्ञा का पालन करने लगी ...... जैसे मैं पूरी तरहसे उसकी काबू में थी रियाने नेचे बेहद टाइट जींस पहनी थी. मैंने उसकी हूक को खोलने का प्रयास किया ....... अचानक मेरे दिल में एक ख्याल आया ........ मैं निचे झुकी और अपनी दातो से हूक खोलने लगी ..... इस प्रयास में मेरे होट कई बार उसकी नाभि से छुए......रियाने अति उत्तेजना से अपनी आखे बंद की और मेरा सर पकड़कर अपनी नाभि पर दबाया. मेरी मेहनत आखिर रंग लाई. और हूक खुल गयी मैंने उसकी जिप को भी खोला और उसे बेड पर धकेल दिया ........ अब मैं उसकी जींस को निचे से पकड़कर खीचने लगी ...... थोड़ी ही देर में उसकी जींस मेरे हाथो में थी .......
रिया ने ब्रा से मिलती जुलती काले रंग की जालीदार पैंटी पहनी थी ...... 
उसकी वो बाल रहित चिकनी पिंडलिया और जांघे देख के तो मैं दंग रह गई.मैं बोली "अभी तेरी पैंटी बाकि है....... "रिया:" बाद में उतरना ....."मैं : " और मेरे कपडे?"रिया ने बताया की अभी मेरे कपडे नहीं उतरना है ..... अगर मेरे कपडे उतर गए तो वो कंट्रोल नहीं कर पाएंगी .... और फिर जो करना है वो सब सिर्फ रिया ही करेंगी. मैं भी समझ गयी. और उसकी अगली आज्ञा का इंतजार करने लगी.रिया बेड पर पसर गयी .... उसने मुझे बोला की मैं उसे सर से लेके पाव तक प्यार करू (चुमू) ... मैंने वैसा ही करना शुरू किया ...... पहले मैंने उसके माथे को चूमा , फिर नाक, और फिर उसकी रसभरे होट ( यहाँ मुझे कुछ ज्यदाही समय लगा) फिर मैं उसकी गर्दन को चूमती निचे की ओर बढ़ी मैंने उसके चिकने कंधो को चूमा ...... रिया ने अपने हाथो को थोडा ऊपर अपने सर की ओर खिसका दिया ..... अब उसकी कान्खोमे बालो का गुच्छा दिखाई दिया ... मैं गौर से देखने गयी ...... तो मुझे एक मादक सी खुशबू आई ..... मेरे ध्यान में आया की वह मादक सी महक रिया की बगलोसे आ रही थी. मैंने झट से अपनी नाक उसकी बगलों में घुसा कर ..... लम्बी साँसे लेती हुए उस खुशबू को पीना शुरू किया . मैं अपनी सुधबुध खो चुकी थी. रियाने मुझे आगे बढ़ने को कहा , लेकिन मैं सुन न सकी , मेरा ध्यान उस मनमोहिनी महक में उलझा था. रिया बोली " क्या मेरी रानी को ये बहोत पसंद आयी?"मैंने हामी भर दी ... और फिर दूसरी बगल को सूंघने लगी. न जाने क्या ख़ास बात थी उस महक में ....... मन ही नहीं भर रहा था ......ऐसा लग रहा था की बस उसको अपने आप में समाती जाऊ...... दोस्तों उस वक्त मैं जानती नहीं थी की इस जादुई महक का मेरी जिंदगीसे कितना करीबी रिश्ता होने वाला है ...... इस महक की जादू मेरे जीवन में क्या..क्या करिश्मे करने वाली है.मैं पागलो की तरह रिया की बगलों को सूंघती... चाटती चली जा रही थी ......रिया ने बड़ी मुश्किल से मुझे रोका और मेरा सर अपने छाती पर दबाया ..... अगले कुछ मिनिटो तक मैं उसकी उरोजो में खो गई .... हाय .... उसकी वो बड़ी बड़ी छतिया ...... और उसके वो फुले हूए निप्पल ......मेरे मुह में पानी आ गया ....... मैं पागलो की तरह उनको चूमने और चाटने लगी .... बिच बिच में मैं उसे हलकासा काट भी लेती थी .....रिया पागलो की तरह सिसकने लगी ........ थोड़ी देर बाद उसने मुझे निचे बढ़ने को बोला अब मैं उसकी नाभि को चूमने लगी .... थोड़ी देर उसकी नाभि को चूमने के बाद मैं थोड़ी निचे सरकी ....... मैंने देखा रिया की पैंटी ...... जैसे भीग गयी थी .... एक मनमोहक खुशबू सी आ रही थी ....... मैंने उसको नीची की और खीचना शुरू किया ...... कड़ी मेहनत से मैंने उसकी पैंटी को अलग किया .......हाय....... क्या मनोरम दृश्य था ...... रिया की ...... बिलकुल सफाचट .......डबल रोटी की तरह फूली हूई सावली योनी से नजर नहीं हट रही थी .रियाने मेरा हाथ पकड़कर उसे उसकी योनी पर रख दिया. उसकी योनी को छूते ही .... रिया सिस्कार उठी ....." स्स स्स स्स ......स्स स्स स्स .......हाय ..... 



 मैंने जींस को बाजुमे उछल दिया और सामने देखा ...... 
रियाने अब मुझे रुकने को बोला . 



रिया के मनभावन उरोज 

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महक का जादू 13

सौम्याने शरमाते हुए हम दोनों के कपडे उतारे .... मेरा टॉप और समीज उतरने के बाद ... सौम्या मेरे उभारो को देखती रही ..... शायद उसके मुह में ...